मेडिटेशन के चरण के बारे में जानिए

अगर आप नियमित रूप से मेडिटेशन करते हैं, तो आपने मेडिटेशन को जरूर अनुभव किया होगा। मेडिटेशन करना या सीखना ध्यान की गहराई को अनुभव करना थोड़ा मुश्किल है। ध्यान के अभ्यास का हर व्यक्ति पर अलग-अलग असर होता है। जिसे योग निंद्रा के विशेषज्ञों के प्रमाणित किया है। माना जाता है- जब कोई व्यक्ति नियमित रूप से अपनी दिनचर्या में मेडिटेशन के चरण को शामिल करता हैं, तो वह मेडिटेशन की गहराई को महसूस कर पाता है। मेडिटेशन को 9 चरणों में बांटा गया हैं।

मेडिटेशन के चरण

1- मेडिटेशन का पहला चरण- जब हम ध्यान क्रिया करना शुरू करते हैं, तो हमें अपना ध्यान चारों ओर की दुनिया से हटाकर अपने विचारों पर लगाना होता है। इस दौरान आप यह देखकर हैरान होंगे कि आप उतना ही व्यस्त है, जितना आप और कार्यों को करने में व्यस्त रहते हैं। मेडिटेशन के दौरान हमारे मन में कई विचार, भावनाएं, यादें आती हैं। जिससे ध्यान लगाने में हमारा मन भटकता है। इसलिए अपने मन को शांत रखने का प्रयास करें।  

2- मेडिटेशन का दूसरा चरण- मेडिटेशन के दौरान अपने मन को शांत रखें। अगर आपका मन मेडिटेशन में नहीं लग रहा है, तो थोड़ा आराम कर लें यानि मेडिटेशन से ब्रेक ले लें। जब आपका मन शांत हो जाएगा, तब दोबारा ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें। इस दौरान हमें सीखना है कि हमें ध्यान लगाने के लिए कितना समय लगता है और अपने मन के विचारों को कैसे आने दें और अपना ध्यान केंद्रित करने की कैसे कोशिश करें ? 

3- मेडिटेशन का तीसरा चरण- अगर आप कई दिनों या दो-तीन महीनों से नियमित मेडिटेशन का अभ्यास कर रहे हैं या करते हैं, तो अब आप ऐसी अवस्था तक पहुंच गए हैं या पहुंच जाएँगे जहाँ आपको ध्यान केंद्रित करने के लिए बहुत ही कम समय लगेगा। इस अवस्था में आपका मन इधर-उधर भटकना बंद कर देगा क्योंकि तब तक आप समझ जाएँगे कि हमारा मन बाहर से नहीं बल्कि अंदर से भटकता हैं। इस चरण में आप अपने मन को समझना और शांत रहने की आंतरिक प्रक्रिया जान चुके होते हैं।

4- मेडिटेशन का चौथा चरण- इस चरण में आप मेडिटेशन के नये स्तर को महसूस करना प्रारम्भ करते हैं। अब आपका मन जिस कारण भटकता था, उन्हें आप पहचानने लगते हैं। इसलिए आप अपने मन के नकारात्मक विचारों को सकारात्मकता की ओर लेकर जाते हैं। जिसके बाद आप अपने मन को शांत करने की कोशिश करते हैं और फिर धीरे-धीरे ध्यान की ओर लेकर जाते हैं। 

5- मेडिटेशन का पांचवां चरण- मेडिटेशन के इस चरण में आप अपने मस्तिष्क को अपने विचारों से नियंत्रण करना सीखते हैं। अब आप किसी बिंदु को केंद्रित किए बिना ध्यान लगाने में कामयाब होने लगते हैं। इस दौरान आपको अपने मन को नियंत्रित करना सीखना है। जिससे आपका दिमाम इधर-उधर ना भटके और धीरे-धीरे मेडिटेशन की गहराई की ओर बढ़ेगा। 

6- मेडिटेशन का छठा चरण- इस चरण में आप अपने मस्तिष्क की प्रक्रिया को समझना शुरू करेंगे। अब आपको अनुभव होने लगेगा कि आपके अंदर जो भी होता है, वह आपके अंदर के अनुभव के कारण होता है। मेडिटेशन के इस चरण में हम अपने अंदर की स्थिरता को पहचानना शुरु करते है, अगर हम सकारात्मक सोचते हैं, तो हमारी सोच सकारात्मक होती है और नकारात्मक सोचने पर हमारी सोच नकारात्मक होती है। 

7- मेडिटेशन का सातवां चरण-  इस चरण में आपका मेडिटेशन धीरे-धीरे इतना मजबूत हो जाता है कि आपके द्वारा मेडिटेशन के अभ्यास का असर धीरे-धीरे दिखने लगता है। यहीं से आपके दिमाग में मेडिटेशन पर विश्वास धीरे-धीरे गहरा होता जाता है। जिससे आप मेडिटेशन की गहराई के करीब पहुंचने लगते है। 

8- मेडिटेशन का आठवां चरण-  ध्यान क्रिया के इस चरण में आप अपने मस्तिष्क को नदियों की लहरों की तरह केंद्रित करना सीख जाते हैं। जिससे आप मेडिटेशन की गहराई को समझना और महसूस करना शुरू करते है। इस चरण में पहुंचने के लिए आपको नियमित रूप से मेडिटेशन अभ्यास की जरूरत होती है। जिसके लिए आप हमारे eka Meditation ऐप्प को डाउनलोड कर सकते है।

9- मेडिटेशन का नौवां चरण- यह मेडिटेशन का अंतिम व नौवां चरण हैं। इस चरण में आप मेडिटेशन की गहराई को महसूस करते है या ध्यान की संपूर्ण एकाग्रता को महसूस करते हैं। आप इस चरण में आत्म संतोष, एकाग्रता, शांति, सुख को प्राप्त करते हैं। इस चरण को शब्द में बताना बहुत की मुश्किल है। 

अगर मैं अपने शब्दों में कहूं तो मेडिटेशन की वास्तविक भावनाओं को साझा करना बहुत ही कठिन है। इन भावनाओं को केवल महसूस और अनुभव किया जा सकता है। मुझे ऐसा लगता है शब्दों में इस अनुभव का वर्णन करना पर्याप्त नहीं है। आइए ध्यान क्रिया को अपनी दिनचर्या में शामिल कर इस वास्तविक अनुभव को महसूस करें।  

Leave a Comment