मेडिटेशन के लिए मंत्र का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता है और यह सबसे ज्यादा शक्तिशाली भी है। यही वजह है कि मंत्र मेडिटेशन का अभ्यास दुनिया की कई परंपराओं में पाया जाता है और धर्म निरपेक्षता के नजरिए से भी मंत्र मेडिटेशन का खासा महत्व है।
मंत्र मेडिटेशन इतना शक्तिशाली है कि इसे करने वाले व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ के साथ स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। मंत्र मेडिटेशन हिंदू और बौद्ध धर्म के लिए एक विशाल और जटिल अध्ययन है। इसे करने का तरीका बहुत अलग तो नहीं है लेकिन यह जरूर है कि पूरे ध्यान के साथ मंत्र मेडिटेशन किए जाने से इसके कई लाभ हैं।
मंत्र मेडिटेशन क्या है – Mantra Meditation in Hindi
मंत्र मेडिटेशन एक ध्वनि, शब्द या वाक्य के अंश का प्रयोग करके अपने मन को शांत करने और ध्यान केंद्रित करने की प्रक्रिया है। मंत्र मेडिटेशन का उद्देश्य धार्मिक और आध्यात्मिक विश्राम के लिए है। इसे जाप मेडिटेशन भी कहा जाता है। योग के कई रूपों में से एक मंत्र मेडिटेशन, एक आवश्यक अभ्यास है, जो अंदरुनी जागरुकता को गहरा करने में मददगार है। यह हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन धर्म सहित कई पूर्वी धर्मों में इस्तेमाल किया जाने वाला अनुष्ठान है।
मंत्र मेडिटेशन कैसे और क्यों करें?
हाल के सालों में मंत्र मेडिटेशन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इस अभ्यास के तहत मंत्र का उद्देश्य हर व्यक्ति के लिए अलग- अलग है। मंत्र मेडिटेशन के लिए लगातार अभ्यास की जरूरत होती लेकिन यह आसान है और आपके जीवन में कई सकारात्मक बदलाव भी लेकर आता है।
1. क्यों करना चाहते हैं आप मंत्र मेडिटेशन
खुद से सवाल पूछें कि आप मंत्र मेडिटेशन क्यों करना चाहते हैं। हर व्यक्ति के पास मेडिटेशन करने का अलग कारण होता है, कुछ लोग स्वास्थ्य लाभ की वजह से मंत्र मेडिटेशन करना चाहते हैं तो कुछ आध्यात्मिक लाभ की वजह से। यदि आपको यह पता चल जाता है कि आप मंत्र मेडिटेशन क्यों करना चाहते हैं तो आप जाप करने के लिए अच्छे मंत्र और समय खुद ही ढूंढ लेंगे। ब्लड प्रेशर का कम रहना, दिल की गति सुचारू रूप से चलना, घबराहट, अवसाद और तनाव का कम हो जाना, आराम महसूस होना जैसे स्वास्थ्य लाभ मंत्र मेडिटेशन से मिलते हैं। अपने दिमाग को मुक्त करना और जिन पर आपका नियंत्रण नहीं, उन्हें छोड़ना ये मंत्र मेडटेशन के आध्यात्मिक लाभ हो सकते हैं।
2. अपने लिए मंत्र ढूंढना
मंत्र मेडिटेशन का एक लक्ष्य उनके स्पंदन को महसूस करना भी है। यह सनसनी आपमें सकारात्मक बदलाव ला सकती है और मेडिटेशन की गहराई में आपको जाने में मदद भी कर सकती है। हर मंत्र के अलग कंपन होते हैं, आपको अपने लिए सही मंत्र चुनना है। इन मंत्रों को बार- बार दोहराने से मेडिटेशन के दौरान उत्पन्न होने वाले विचार से खुद को अलग रखने में कामयाब हो सकते हैं। कई अलग- अलग मंत्र हैं, जिनमें से आप अपने लिए मंत्र का चयन कर सकते हैं।
3. अपना इरादा करें तय
जब तक आपने अपना इरादा नहीं तय किया है, तब तक कोई भी मंत्र मेडिटेशन का अभ्यास अधूरा है। अपने अभ्यास को किसी चीज के प्रति समर्पित करने के लिए कुछ सेकेंड लेने से आप अधिक गहराईसे मेडिटेशन कर पाने में सक्षम होंगे। अपनी हथेलियों के अंदरुनी हिस्से को हल्के से छूएं, फिर हथेलियों को और अंत में अपनी उंगलियों को प्रार्थना के लिए तैयार करें। यदि आप ऊर्जा का प्रवाह चाहते हैं तो अपनी हथेलियों के बीच थोड़ी सी जगह छोड़ें। हौले से अपनी ठोड़ी को अपनी छाती की ओर झुकाएं। यदि आपको अपने इरादे का भान नहीं है तो जाने दे वाली स्थिति में रहें।
4. अभ्यास के लिए आरामदायक स्थान
आप एक आरामदायक जगह पर मंत्र मेडिटेशन का अभ्यास करना चाहते हैं। यह आपके घर या पार्क या कोई अन्य जगह पर हो सकता है। मंत्र मेडिटेशन के लिए अंधेरे स्थान का चयन करें। वह जगह शांत भी होनी चाहिए ताकि कोई आपको परेशान न कर सके या आपकी एकाग्रता भंग न हो पाए।
5. बैठें पैरों को मोड़कर
मंत्र मेडिटेशन शुरू करने से पहले अपने कूल्हों को अपने घुटनों से ऊपर की ओर बंद करके आराम से पैर मोड़कर बैठें। इस तरह से आप सीधे होकर बैठ सकेंगे। यह स्थिति आपके शरीर को मंत्र के कंपन को अवशोषित करके और अपने इरादे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति है। यदि आप अपने कूल्हों को अपने घुटनों से ऊपर नहीं करते हैं तो मुड़े कंबल पर बैठें। अपने हाथों को अपनी जांघ पर हल्के से रखें। आप चाहें तो एक हाथ को ठोड़ी पर यानी ज्ञान मुद्रा में रख सकते हैं।, जो सार्वभौमिक चेतना का प्रतिनिधित्व करता है। ज्ञान मुद्रा और प्रार्थना माला आपको गहरे मेडिटेशन में प्रवेश करने में मदद करते हैं। अपने आपको केंद्रित करने के लिए प्रार्थना माला का प्रयोग करें।
6. अपनी सांस पर ध्यान
अपनी सांस पर ध्यान दें लेकिन इसे नियंत्रित करने की कोशिश न करें। हर सांस को छोड़ने और लेने की भावना पर ध्यान दें। इससे आपको अपने मेडिटेशन के अभ्यास में मदद मिलेगी। अपनी सांस पर नियंत्रण पाना थोड़ा मुश्किल तो है लेकिन इसे सीखकर आप मेडिटेशन के अभ्यास में पारंगत हो सकते हैं। आप जितना अधिक अभ्यास करेंगे, यह आपके लिए उतना ही आसान होता जाएगा।
मंत्र मेडिटेशन के लिए मंत्रों की सूची:
ओम मंत्र
इन सबमें ओम सबसे शक्तिशाली और महत्वपूर्ण मंत्र है, जिसका जाप आप कर सकते हैं। यह सार्वभौमिक मंत्र आपके पेट के निचले हिस्से में शक्तिशाली और सकारात्मक कंपन उत्पन्न करता है। इसे अकसर शांति मंत्र के साथ जोड़ा जाता है, जिसका संस्कृत में अर्थ है शांति।
महा मंत्र
इसे महान मंत्र या कृष्ण मंत्र भी कहा जाता है। यह आपके लिए मोक्ष और मन की शांति प्राप्त करने में मददगार है। आप जितनी बार भी चाहें, इस मंत्र को दोहरा सकते हैं। ये शब्द हैं- हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे, हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे।
लोक: समस्त सुखिनो भवन्तु
यह करुणा और सहयोग का मंत्र है, जिसका मतलब है सभी प्राणीहर जगह खुश और स्वतंत्र रहें और मेरे जीवन के विचार, शब्द और काम किसी तरह से उस खुशी और सभी के लिए स्वतंत्रता में योगदान करें। इस मंत्र को तीन या अधिक बार भी दोहराया जा सकता है।
ओम नम: शिवाय
यह एक ऐसा मंत्र है, जो हर व्यक्ति को अपनी दिव्यता की याद दिलाता है और आत्मविश्वास एवं करुणा को प्रोत्साहित करता है। इसका मतलब है मैं शिव को नमन करता हूं, जो सर्वोच्च देवता हैं, जो सबसे महान स्वयं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस मंत्र को तीन या अधिक बार दोहराएं।
मंत्र मेडिटेशन के लाभ
मंत्र मेडिटेशन के लाभों को मंत्र के दोहराव का परिणाम माना जाता है, जो सकारात्मक मानसिक पैटर्न बनाकर मन को बदल देता है। सबसे प्रसिद्ध मंत्र ओम है, जिसे ब्राह्मांड की मूल ध्वनि माना जाता है। इसका जाप कई दफा अकेले में किया जाता है लेकिन कभी- कभार मंत्र के एक हिस्से के तौर पर भी इसे शामिल किया जाता है।
मंत्र मेडिटेशन के लाभों में शामिल हैं-
- यह चिंता और तनाव को कम करता है।
- मंत्र मेडिटेशन के दौरान मंत्र की ध्वनि पूरे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह करती है। ऊर्जा का यह प्रवाह हमारे मस्तिष्क में रसायनों को नियमित करती है, जो तनाव से जुड़े हार्मोन्स को अवरुद्ध करके एंडॉर्फिन्स का रुााव करता है।हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत और रक्तचाप को कम करता है।
- मंत्र की ध्वनि हमारे सिर से सारे नकारात्मक आवाजों को बाहर निकालने का काम करती है। हमारे अंदर करुणा का समावेश करता है।
- जागरुकता और उच्च चेतना को बढ़ाता है।
- अंतज्र्ञान को बढ़ाता है और डर को दूर करता है।
मंत्र मेडिटेशन को लंबे समय तक करने के बाद व्यक्ति के मन और मस्तिष्क में सिर्फ सकारात्मक विचार ही आते हैं। उसके विचारों की प्रक्रिया कुछ इस तरह से हो जाती है- मेरे पास अच्छा महसूस करने के लिए बहुत कुछ है, मैं खुश हूं, मैं स्वस्थ हूं।