ध्यान क्रिया करते समय अपने शायद ध्यान दिया होगा की अक्सर हम छोटी-छोटी घटनाओं से भी विचलित हो जाते हैं। जिसका मुख्य कारण हमारा शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होना है यानि हमारे अंदर धैर्य की कमी का होना है। ऐसे में हमें ध्यान क्रिया करने की जरूरत होती है। अगर आपको स्वस्थ व आनंद पूर्ण जीवन जीना है, तो आपको अपनी दिनचर्या ध्यान-साधना को शामिल करने की जरूरत है। ध्यान क्रिया को अपने जीवन में शामिल करने से पहले आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों अवश्य जाननी चाहिए
ध्यान क्रिया करते समय 5 महत्वपूर्ण बातें
1- शुरूआत में आपको ध्यान क्रिया करते समय आलस्य का अनुभव होगा साथ ही नींद भी आएगी। ऐसे में आपको ध्यान क्रिया करने से पहले सहज व्यायाम करना चाहिए, क्योंकि इससे आपके शरीर की जकड़न समाप्त होगी। जिससे आप आलस्य से बाहर आएंगे। व्यायाम करने से हमारी अस्थिरता व उत्तेजना में ठहराव आता है। जो हमें ध्यान क्रिया करने में मदद करता है।
2- अगर चारों तरफ शोर ही शोर हो, तो अपने भीतरी मन को शांत रखना बेहद ही मुश्किल होता है। इस पहेली की सबसे मददगार कुंजी है- इसे स्वीकार कर लेना। जिसे हम मन से स्वीकार कर लेते है, तो वह हमें कभी परेशान नहीं करती है। आप जितना बाहरी शोर से लड़ेंगे, उतना ही आप परेशान होंगे। इसलिए अपने चारों तरफ के वातावरण के शोर के प्रति सजग रहें। जिससे आप ध्यान क्रिया की गहराई में जा सकें।
3- जब हम ध्यान करना शुरु करते है, तो हमारे मन में सवाल आता है- आखिर ध्यान क्रिया को सहज रूप से कैसे कर सकते है ? अगर हम ध्यान लगाते समय यह सोचने लग जाएगें कि यह अच्छा है, खास है, खराब है तो हमारा मन ध्यान क्रिया में नहीं लग पाएगा। इसलिए हमें ध्यान करते समय कुछ भी नहीं करना है यानि किसी भी बात, व्यक्ति व विचार पर ध्यान केंद्रित नहीं करना है। अपने मन में विचार को आने-जाने दें, किसी भी विचार का स्वागत व विरोध ना करें। ध्यान करते समय अपने मन को शांत रखें और इस बात की सजगता रखें कि आपकी कोई इच्छा नहीं है। सारी इच्छाओं-प्रलोभनों से दूर रहें। जिससे हम ध्यान क्रिया को सहजता के साथ कर सकें।
4- क्या ध्यान व साधना में हमारे भोजन का प्रभाव पड़ता है ? यह सवाल बेहद ही रोचक है। अगर आप अपनी ध्यान व साधना की क्रिया को प्रबल बनाना चाहते है, तो आपको अपने भोजन में विशेष ध्यान देना की जरूरत है। सामान्यतः आपने सुना ही होगा- आप जो खाते है, आप वहीं है। हम जिस प्रकार का भोजन ग्रहण करते हैं, उसका हमारे मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर आप अधिक मात्रा में तला हुआ, मसालेदार, वसायुक्त, बासी, डिब्बाबंद और मांसाहारी भोजन करते हैं, तो आपको ध्यान क्रिया करते दौरान असहजता व आलस्य व नींद का अनुभव होगा। हमें ध्यान-साधना के लिए ताजा और कम मात्र में भोजन करना चाहिए।
5- ध्यान क्रिया की गहराई में कैसे उतरे ? आपके मन में यह सवाल तब आएगा, जब आप ध्यान व साधना को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेंगे। ध्यान-साधना हमें शांति-शक्ति प्रदान करती है। अगर हमें ध्यान क्रिया की गहराई में जाना हो तो हमें अपने अनुसार एक मंत्र के साथ ध्यान व साधना का अभ्यास करना चाहिए। इस अभ्यास के माध्यम से हम ध्यान की गहराई में सहजता के साथ जा सकते है। हमारे मंत्रों में वो शक्तियां है, जो हमारे मन में जमी पुरानी अनावश्यक संस्कारों को साफ कर सकती है। जो हमें ऊर्जावान और उत्साहित बनाती हैं।