कोरोना वायरस से लड़ने में मेडिटेशन कितना मददगार | वैसे आप जानते होंगे नियमित मेडिटेशन और योग करने से हमें कई लाभ मिलते हैं। जैसे हमारा तनाव कम होना, मोटापा, चिड़चिड़ापन इत्यादि बीमारियाँ दूर रहती है। मेडिटेशन एक ऐसी मानसिक अवस्था है, जिसमें हम अपने मन को एकाग्रचित यानि शांत करने का प्रयास करते है।
जब हमारा मन शांत रहता है, तो हम कई बीमारियों से बचते है। ध्यान हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा कई सालों से समाधि के रूप में किया जा रहा है। अगर हम सीधे शब्दों में कहें, तो ध्यान या मेडिटेशन अपने आप में एक मानसिक अभ्यास है।
इस अभ्यास को कोई भी नुकसान नहीं होता है। अगर आप नियमित रूप से मेडिटेशन का अभ्यास करते है, तो विषम परिस्थितियों में आप अपना मानसिक संतुलन नहीं खोएगे।
इस वक्त संपूर्ण विश्व कोरोना वारयस की महामारी से ग्रस्त है। जिसका अभी तक कोई भी इलाज संभव नहीं हो पाया है, जबकि इस महामारी की चपेट में लाखों से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इसे देखते हुए अमेरिका की प्रमुख चिकित्सा संस्थान ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए योग-ध्यान लगाकर अपने सांसों पर नियंत्रण की सलाह दी है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने अपने नये स्वास्थ्य दिशा-निर्देश में कहा है- योग, ध्यान सांसों को नियंत्रण, मन को शांत करने के लिए एक सही और आजमाएं हुए तरीके हैं। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के संकाय एवं यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन के बोर्ड प्रमाणित मनोरोग चिकित्सक जॉन शार्प ने कहा- इस विषम परिस्थिति में ध्यान क्रिया करना बहुत की राहत देने वाला है।
अगर आप योग व ध्यान क्रिया नहीं करते हैं ? तो तब तक कोशिश भी मत करिए, जब तक की आपका मन नही करता है। अगर आपका मन नई चीजें करने को कर रहा है, तो जरूर आप ध्यान क्रिया के बारे में जाने और ध्यान लगाना शुरू करें। इसलिए योग और मेडिटेशन करने से हमें कई प्रकार के फायदा होते हैं। जैसे हम तनाव से मुक्त होते है, हमारे सांसों में हमारा नियंत्रण रहता है, हम स्वस्थ रहते है।
इस समय समस्त विश्व का कोरोना महामारी से जो हाल है, वह बहुत ही चिंताजनक है। इस बीमारी का ना कोई दवा है, ना कोई इलाज अभी तक संभव हो पाया है। हाँ नियमित रूप से योग, मेडिटेशन और प्राणायाम से आप अपने मानसिक-शारीरिक तनाव को कम जरूर कर सकते है। इससे लोगों के अंदर जो कोरोना वायरस के प्रति डर बैठा है, वह कम होगा। जिससे समाज में जो अफरा-तफरी फैल रही है, वह कम होगी।
इसलिए आप भी इस महामारी से बचने के लिए नियमित रूप से मेडिटेशन करें साथ ही अपने परिवार के अन्य सदस्यों व अपने दोस्तों को भी मेडिटेशन करने लिए बोलें। आपका एक सुझाव आपके परिवार व अपने मित्रों की सुरक्षा कर सकता है।