सुपर ब्रेन योग से कैसे अपने मस्तिष्क के निष्क्रिय भाग को विकसित करते है?

आज हर मानव मानसिक व शारीरिक समस्याओं से जूझ रहा है। जिसके कारण वह गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होता जा रहा हैं। अगर ऐसे ही चलता रहा तो मानव समाज के लिए आने वाला भविष्य बेहतर ही खतरनाक साबित हो सकता है। हमारी दिनचर्या में हमारे मस्तिष्क की अहम भूमिका होती है।

हमारा मस्तिष्क हमारे सभी अंगों में से सर्वोच्च है। हमारा सोचना, महसूस करना, कोई कार्य करना इत्यादि हमारे मस्तिष्क से जुड़े हुए है। विज्ञान के मुताबिक हमारा मस्तिष्क लगभग 2 किलोग्राम का होता है। विज्ञान के विशेषज्ञ बताते हैं- मानव अपने जीवन काल में अपने मस्तिष्क का मात्र 8 प्रतिशत भाग उपयोग कर पाता है। जबकि 92 प्रतिशत हिस्सा निष्क्रिय अवस्था में पड़ा रहता है।

शरीर के साथ-साथ हमें अपने मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखने के लिए ऊर्जा व पोषण की जरूरत होती है। जिस तरह हम अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ भोजन ग्रहण करते है, ठीक उसी प्रकार हमें अपने मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए आराम की जरूरत होती है। हमें अपने मस्तिष्क को योग व मेडिटेशन से भरपूर आराम दे सकते है। मगर इसके लिए हमें किसी योग गुरु की जरूरत होती है।

ऐसे में सवाल उठता है क्या हमारे पास इतना समय हैं कि हम योग गुरु के माध्यम से योग व मेडिटेशन कर सकें ? हमारा खुद का मानना है- जी नहीं। हमारे पास इतना समय नहीं है कि हम किसी योग गुरु के पास जाकर विशेष रूप से योग व मेडिटेशन का अभ्यास करें। इसलिए हम आपके एक सुझाव देना चाहेंगे कि आप योग और मेडिटेशन के लिए अपने मस्तिष्क को स्वस्थ रखने का प्रयास करें। 

मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए हमें नियमित योगासन और मेडिटेशन करने की जरूरत है। हमारे मस्तिष्क के लिए सुपर ब्रेन योग बहुत ही लाभदायक होता है। इसलिए हम सभी को अपने दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए इस योग का नियमित अभ्यास करना चाहिए। सुपर ब्रेन योग का प्रभाव इसके अभ्यास से भी महसूस किया जा सकता है। इस योग को करने के लिए सबसे पहले हमें सामान्य अवस्था में खड़े होना होता है।

इस दौरान हमें अपने भुजाओं को भी सामान्य रखना होता है। इसके बाद सबसे पहले अपने बाएं हाथ से दाहिने कान को पकड़े और इसके बाद दाहिने हाथ से बाएं कान को पकड़े। हाँ इस दौरान आपका अंगूठा सामने की तरफ हो। इस अवस्था में आपकी दायीं भुजा बायीं भुजा के ऊपर होनी चाहिए।

इसके बाद इसी अवस्था में आपको धीरे-धीरे सामान्य दंड बैठक करने है। दंड बैठक के दौरान नीचे बैठते समय सांस लें और ऊपर उठते समय सांस बाहर छोड़े। इस क्रम को कम से कम 10-15 बार रोज करें और धीरे-धीरे बढ़ाते रहें। इस क्रिया को करने से हमारे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह सही से होने लगता है और हमारा मस्तिष्क स्वस्थ होता है। यह योग हमारी स्मरण शक्ति व एकाग्रता को बढ़ाता है।

जिससे हमारी सोचने और समझने की ताकत बढ़ती है और हमारे मस्तिष्क का तनाव, चिंता कम होती है। इस योग से हमारा शरीर संतुलित और हमारी पाचन शक्ति में सुधार होने लगता है। इतना ही नहीं सुपर ब्रेन योग हमें कई बीमारियों से बचाता है। सुपर ब्रेन योग एक ऐसी क्रिया है जो हमारे मस्तिष्क को एक नई ऊर्जा प्रदान करता है। जिससे हमारा मस्तिष्क हमेशा तरोताजा महसूस करता है।   

Leave a Comment